ED ने NCR के दो रियल एस्टेट समूहों के खिलाफ छापेमारी में 31 करोड़ रुपये से अधिक की डिपोजिट और लग्जरी कारें जब्त की हैं। इन समूहों पर घर खरीदारों से 500 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप हैं। ईडी ने मंगलवार को छापेमारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उसने 25 नवंबर को इन समूहों के दिल्ली-एनसीआर में 14 ठिकानों पर रेड की थी।
ED की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, छापेमारी में ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशकों, प्रमोटरों के साथ एक अन्य कंपनी (श्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड) और इसके प्रमोटरों के परिसरों की तलाशी ली गई थी। ईडी के ऐक्शन पर रिएक्शन के लिए पीटीआई ने दोनों कंपनियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बातचीत नहीं हो सकी।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दर्ज की गई दो एफआईआर से उपजी है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ घर खरीदारों ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी थी। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी जांच के बाद एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
ED ने एक बयान में कहा कि आरोपी कंपनियों और उसके पदाधिकारियों पर आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के कई आरोप लगाए गए थे। पुलिस की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 89 में ओरिस ग्रुप के स्वामित्व वाली 47 एकड़ जमीन पर ग्रीनपोलिस नाम के एक आवासीय हाउसिंग सोसाइटी विकसित करने के लिए एक समझौता किया था।
उक्त आवासीय सोसाइटी को डेवलप करने के अधिकार थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए थे। आरोप है कि
दोनों कंपनियों और उनके निदेशकों ने कथित आपराधिक साजिश के तहत निर्धारित समय के भीतर परियोजना को पूरा न करके घर खरीददारों की गाढ़ी कमाई को कथित तौर पर हड़प लिया। ईडी का यह भी कहना है कि आरोपियों ने घर खरीदने वालों और निवेशकों को आवासीय इकाइयां नहीं दी।
ईडी का कहना है कि यह रियल एस्टेट धोखाधड़ी 500 रुपये से ज्यादा की है। उसने छापेमारी में रकम के डायवर्जन और लेयरिंग, संपत्ति के दस्तावेज, बिक्री, रजिस्ट्रेशन डीड्स, लैपटॉप और हार्ड ड्राइव समेत कई साक्ष्य जब्त किए हैं। ज
ED का कहना है कि यह रियल एस्टेट धोखाधड़ी 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की है। उसने छापेमारी में रकम के डायवर्जन और लेयरिंग, संपत्ति के दस्तावेज, बिक्री, रजिस्ट्रेशन डीड्स, लैपटॉप और हार्ड ड्राइव समेत कई साक्ष्य जब्त किए हैं। जांच एजेंसी ने यह भी बताया है कि ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर परिसर में रखे गुप्त लॉकर से भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
ED की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि 31.22 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक गारंटी (ओरिस समूह के नाम पर) फ्रीज कर दी गई है। यही नहीं ओरिस समूह के एक निदेशक के आवास से बैंक खाते, लॉकर और मर्सिडीज, पोर्श, बीएमडब्ल्यू आदि ब्रांडों की चार लग्जरी कारें भी जब्त कर ली गई हैं।