जालंधर: भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई मुहिम के तहत विजीलेंस की टीम ने जालंधर सिविल अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान नरिंदर कुमार निवासी गांव चक्क साधु वाला (होशियारपुर) के रूप में हुई है। नरिंदर कुमार को विजीलेंस की टीम ने पीड़ित की शिकायत पर पीसीएमएस डॉक्टर के नाम पर 10 हजार रुपये रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया है।
मामले की जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई लाइन पर फिरोजपुर जिले के मल्लांवाला खास निवासी लोकेश की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने अपने रिश्तेदार के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सिविल सर्जन जालंधर के कार्यालय में एक हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क किया था, लेकिन ई-ट्राईसाइकिल खरीदने के लिए आवश्यक विकलांगता प्रतिशत नहीं मिल सका।
जिसके बाद संबंधित डॉक्टर द्वारा अपने कार्यालय के बाहर तैनात किए गए उक्त सुरक्षा गार्ड ने विकलांगता सर्टिफिकेट की फीस बढ़ाने के एवज में 10000 रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत को अपने फोन पर रिकॉर्ड कर लिया था जिसे सबूत के तौर पर विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इस शिकायत में लगाए गए आरोपों के सत्यापन के दौरान उन्हें सत्य और सही पाया गया है।
क्योंकि उन्हें मौखिक सबूतों के साथ-साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है। इस सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर उक्त आरोपी नरिंदर कुमार के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि उक्त आरोपी को कल सक्षम न्यायालय में पेश किया जाएगा और इस संबंध में आगे की जांच की जारी है।